Monday, February 7, 2011

याद हैं कुछ निशानियां...




कहीं भी, कभी भी सड़क पर भी आती-जाती तेज़ रफ़्तार गाड़ियो के बीच में जब कभी 611 और 306 नम्बर की बस नज़र आती हैं तो मुझे खिचड़ीपुर की  याद आ जाती हैं। 

बसों, उस पर छपे नम्बरों और नामों से एक अच्छी खासी तस्वीर उभरती हैं उस जगह की खिचड़ीपुर के बनने और पनपने के बीच इन बसो ने भी अपना खासा रिश्ता अख्तियार किया है. 

पर यह बात देखने लायक है कि आज भी खिचड़ीपुर जाने वाली सभी बसों में से किसी भी बस पर खिचड़ीपुर की नेम प्लेट नही हैं। सभी बसों पर कल्याणपुरी ही लिखा होता है। 

यहाँ के लोगों  को आज भी खिचड़ीपुर जाने के लिए कल्याणपुरी की नेमप्लेट लगी बस पर सवार होकर अपना सफ़र पूरा करना पड़ता हैं।


क्या बसों पर छपी उस जगह की कुछ निशानियां उस जगह की पहचान होती हैं? 

- विक्की कोहली  

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